प्रिय मित्रों की अहम टिप्पणी , देखो क्या रंग लाएंगीII प्रिय मित्रों की अहम टिप्पणी , देखो क्या रंग लाएंगीII
कि अब मर भी जाऊँ तुम्हारे लिए तो वो थोड़ा होगा.... कि अब मर भी जाऊँ तुम्हारे लिए तो वो थोड़ा होगा....
जहाँ मदहोशी का आलम न हो, बड़ी बड़ी बातें न हो, रातों से लंबे सपने न हो जहाँ मदहोशी का आलम न हो, बड़ी बड़ी बातें न हो, रातों से लंबे सपने न हो
करूंगी उजाला जैसे फुलझड़ी हूं, आने दो न पापा मैं तो आपकी परी हूं। करूंगी उजाला जैसे फुलझड़ी हूं, आने दो न पापा मैं तो आपकी परी हूं।
गुस्सा के जितना हो मुझ को तू दिखा सकता है। गुस्सा के जितना हो मुझ को तू दिखा सकता है।
चमकते सितारे की कारीगरी है उस पर, जैसे गुरूर हो उजियारे का, चमकते सितारे की कारीगरी है उस पर, जैसे गुरूर हो उजियारे का,